How to Treat Root Rot in ड्रैगन फ्रूट्स

नमस्कार, स्वागत है हमारे एक और नए ब्लॉग में जहाँ हम बात करने वाले है ड्रैगन फ्रूट्स की खेती में होने वाली एक समस्या जिसे रुट रॉट कहते है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में यह एक आम समस्या है जिसे नए और अनुभवी किसान अक्सर सामना करते है और कई बार लापरवाही से नुकसान उठाते है। चलिए इसके बारे में विस्तार से बात करते है।

रूट रॉट क्या है और यह क्यों होता है?

ड्रैगन फ्रूट में रूट रॉट एक तरह की फंगल बीमारी है जो पौधों की जड़ों को सड़ा देती है। अक्सर यह समस्या ज्यादातर जलभराव (overwatering) या खराब ड्रेनेज (drainage) के कारण होती है। जिसके बाद पौधे सूखने लगते है और खराब होने लगते है ऐसे में हम सोचते है सही तरह ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें

Root Rot के मुख्य कारण

  • ड्रैगन फ्रूट प्लांट्स को ज्यादा पानी देना।
  • आपके खेत या मिट्टी में पानी का ठहराव (poor drainage) ।
  • फंगस या बैक्टीरिया का संक्रमण।

रूट रॉट के लक्षण

  • ड्रैगन फ्रूट की पत्तियों का पीला पड़ना।
  • किसी भी अवस्था में पौधों का विकास रुक जाना।
  • जड़ों का काले या भूरे रंग में बदलना और सड़ना।

ड्रैगन फ्रूट्स प्लांट में रूट रॉट की पहचान कैसे करें?

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें
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जड़ों की जांच करना-ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें
नियमित रूप से अपने ड्रैगन फ्रूट्स प्लांट पर ध्यान दे और किसी भी तरह से पौधे की शकल अगर ख़राब होने लगे तो एक बार अपने पौधों की जड़ो को अच्छे से चेक करे। आम तौर से हम किसी भी तरह से जड़ो की तरफ ध्यान नहीं देते और फंगस समझ कर स्प्रे और पानी देते रहते है जिससे हालात और ख़राब हो सकते है इसलिए जड़ो पर ध्यान हमेशा दे।

पीली पत्तियों और रुके हुए विकास को पहचानना
रूट रॉट का एक और संकेत है पत्तियों का पीला पड़ना। अगर पौधे की पत्तियां पीली हो रही हैं और उसका विकास रुक गया है, तो निश्चित रूप से यह रूट रॉट हो सकता है इसलिए हमेशा जड़ो की तरफ देखे। क्युकी इसके होने से पौधा ठीक से पानी और पोषक तत्व नहीं ले पाता, जिससे उसकी पत्तियां पीली और सिकुड़ जाती हैं।

मिट्टी की नमी और ड्रेनेज की जांच
ड्रैगन फ्रूट एक कैक्टस की प्रजाति का है जिसे अधिक पानी की आवशयकता नहीं होती इसलिए हमेशा मिट्टी को छूकर देखें कि वह बहुत गीली तो नहीं है। अगर मिट्टी में पानी ठहर रहा है और वह जल्दी सूखती नहीं है, तो यह रूट रॉट का कारण बन सकता है। खराब ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करना बेहद जरूरी होता है।

Root Rot Treatment step-by-step guide

स्टेप 1: सबसे पहले अपने ड्रैगन फ्रूट के पौधों में यह signs चेक करे : जैसे की पौधों का सुखना , पीला पढ़ना , ग्रोथ रुक जाना इत्यादि। इन सबमे से अगर किसी भी तरह का कोई sign आपको दीखता है तो आपके पौधों में root rot हो सकता है।

स्टेप 2: जड़ो को देखे:
पौधों को देखने के बाद सीधे उनकी जड़ो को देखे और ख़राब दिखने पर एक साफ और तेज कैंची का उपयोग करके सड़ी हुई जड़ों या निचे गली हुई tube को काटकर अलग कर दें। इसके बाद उसपर (root rot fungicide) Saaf fungicide लगा कर केवल स्वस्थ और सफेद तने या जड़ें ही रहने दें। सड़ी हुई जड़ों को निकालने से फंगस रुक जाता है।

स्टेप 3: जड़ों को फंगीसाइड या प्राकृतिक उपचार से साफ करें

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  • फंगीसाइड (SAAF): काटे हुए फंगीसाइड से साफ करें ताकि बची हुई फंगस भी मर जाए।
  • प्राकृतिक उपचार: नीम का तेल या दालचीनी का पाउडर लगाएं। ये प्राकृतिक तरीके फंगस को रोकते हैं और जड़ों को स्वस्थ बनाते हैं।

स्टेप 4: ताजी और अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी/मसाला बनाये और उसमे लगाए
ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें अगर आपकी मिटटी चिकनी है या ऐसी है जगह पानी ठहरता है तो भी ड्रैगन फ्रूट्स की खेती की जा सकती है उसके लिए हमे एक मिक्सचर या मसाला बनाना है – जिसे हमे मिटटी गोबर में कोकोपीट या रेत मिला कर बना सकते है। इसे बनाने का मकसद है की यह पानी को सोख लेती है और जड़ो को फैलने के लिए बेहतरीन तरीका है।

स्टेप 5: पानी देने की आदतों को सुधारें
ड्रैगन फ्रूट की खेती में पानी को मैनेज करना एक बड़ा टास्क होता है इसलिए हमेशा अपनी मिटटी के हिसाब से पानी दे और बारिश के समय चुने का इस्तेमाल करे यह पानी में अत्यधिक नमी को कम करता है और पौधों को कैल्शियम उपलभ्द करवाता है।

रूट रॉट के इलाज में कौनसी गलतियां न करें?
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Treatment के बाद ज्यादा पानी देने से बचे:
इलाज के बाद पौधे को ज्यादा पानी न दें, रॉट समस्या मुख्य रूप से अत्यधिक पानी के संपर्क में आने से आती है इसलिए पानी देने का सही नियम सीखना बेहद ज़रूरी है और बारिश के दिनों में बुझा हुआ चुना का इस्तेमाल करे जिससे नमी को कण्ट्रोल किया जा सकता है।

रूट रॉट के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना
कई बार ड्रैगन फ्रूट्स में सनबर्न में भी ऐसे हे पत्तिया पिली पढ़ने लगती है या कई बार हम गर्मी या फंगस समझ कर इसे नजरअंदाज करने लगते है ऐसा ना करे। हमेशा दो बार सोच कर किसी भी तरह का ट्रीटमेंट दे इतना सब ध्यान रखने पर हे हम ड्रैगन फ्रूट जैसी बागबानी को भारत में हर इलाके में कामयाबी से इससे मुनाफा ले सकते है। पत्तियां पीली पड़ रही हैं या पौधे का विकास रुक गया है, तो तुरंत जांच करें। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

दूषित मिट्टी या उपकरणों का उपयोग करना
हमेशा साफ मिट्टी और उपकरणों का उपयोग करें। दूषित मिट्टी या उपकरणों से फंगस फैल सकता है।

Conclusion:

ड्रैगन फ्रूट्स की खेती में हमे कई चीज़ो का ख्याल रखना पढता है जिसमे से पौधों में कोई भी बदलाव को देखना और समझना बेहद ज़रूरी है तभी हम फंगस या रुट रॉट जैसी समाया को ढूंढ सकते है और उसका सही समय रहते इलाज कर सकते है। बाकि पौधों की तुलना में ड्रैगन फ्रूट अपनी जड़ो के ख़राब होने के बाद भी ज़िंदा रहता है बस थोड़ा सा सुख जाता है इसलिए हम इन सभी जड़ो से सम्बंधित समस्याओ से अपने पौधों को संभल सकते है।

FAQ:

Q1- ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किस तरह की मिटटी सबसे अच्छी और कोनसी ख़राब होती है?
Ans- ड्रैगन फ्रूट्स की खेती के लिए रेतीली दो मुठ मिटटी सबसे अच्छी मानी जाती है क्युकी एक तो इसमें पानी नहीं ठहरता और दूसरा इसमें जड़ो की वृद्धि अच्छे से होती है। इसके लिए चिकनी मिटटी सबसे पीछे रखी गयी है लेकिन उसके बाद भी हम अच्छे से खेती कर सकते है जिसके लिए हम मिटटी को ज़मीं से करीबन एक फ़ीट ऊपर उठा कर बेड नुमा स्ट्रक्चर बनाते है और मिटटी में रेत मिला कर सबकुछ संतुलित किया जा सकता है।

Q2- ड्रैगन फ्रूट के लिए जड़ो के क्या रोग होते है ?
Ans- आम तौर से रुट रॉट और नेमाटोड ही ड्रैगन फ्रूट की खेती में कॉमन बीमारिया पायी जाती है जिन्हे हम ख्याल रख कर सही समय उपचार करके ठीक कर सकते है।

Q3- ड्रैगन फ्रूट में रुट रॉट कब ज़ादा होता है ?
Ans- बरसात के दिनों में इसके होने की सम्भावनाये ज़ादा होती है क्युकी तब पानी अधिक हो जाता है और धुप में ठीक से सुख नहीं पता इसलिए ख्याल रखे की आपके फार्म में पानी न जमा होने पाए।

Q4- ड्रैगन फ्रूट में कितनी बार पानी दे ?
Ans- अपनी मिटटी और मौसम के हिसाब से पानी दे। सभी लोगो को एक schedule फॉलो नहीं करना चाहिए धीरे धीरे अपने इलाके और मिटटी को समझे और अपने पौधे की ज़रूरत को समझते हुए पानी का रूटीन बनाये। गर्मियों में कम पानी दे और सर्दियों में पानी का ख्याल रखे।

अगर आपका कोई भी प्रशन्न या सुझाव हो तो हमे कमेंट करके बताये या हमे सोशल मीडिया पेजेज पर फॉलो करे।
धन्यवाद्।

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