Dragon fruit की खेती भारत में अभी नयी है और अभी भी यहाँ के किसान हर साल कई समस्याओ का सामना करते है जैसे की Rainfall या बारिश के दिनों में होने वाली समस्याओ के बारे में। भारत में जुलाई से सितम्बर मानसून का होता है और उस समय Fruiting और flowering भी शुरू होने लगती है। अधिक बारिश से ड्रैगन फ्रूट की खेती और fruits में क्या फर्क पढता है और Dragon fruit price और quality में कितना असर होता है और इसके अलावा किसान किन चुनोतियो का सामना करता है आज हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे।
Rainfall Affecting Dragon Fruit price
Dragon fruit flowering season in India
भारत में ड्रैगन फ्रूट में Fruit आने का समय जून जुलाई से शुरू हो जाता है हवा में नमी बढ़ने के बाद पौधे flowering के लिए ready होने लगते है कुछ इलाको में यह जून में होता है तो कही जुलाई से, यह समय मानसून के शुरुवात का भी होता है और ऐसे में बरसात के समय ड्रैगन फ्रूट में फूल आने लगते है और fruiting शुरू हो जाती है। ड्रैगन फ्रूट के पौधों में Pollination एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
Pollination क्या है ?
Pollination एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें फूलों के नर भाग से परागकण मादा भाग तक पहुँचते हैं। इस प्रक्रिया के बाद बीज और फल बनते हैं।
ड्रैगन फ्रूट में दो तरह की Varieties होती है :
Self-pollinated: self-pollinated Varieties का मतलब होता है जो अपने आप फ्रूट डेवेलोप कर सकती है।
cross pollinated: cross pollinated वैरायटी का मतलब होता है जिन्हे हाथो से पॉलेन कलेक्ट करके pollination करना पढता है।
ड्रैगन फ्रूट की Farming में कई बार बारिश की वजह से pollination का process पूरा नहीं हो पाता, क्युकी ड्रैगन फ्रूट में flower रात में खिलता है और इनदिनों बारिश होती रहती है। बारिश के चलते कई बार हम देखते है की fruit पूरा नहीं बन पाता है या छोटा रह जाता है। इसका कारन है की बारिश जब भी होती है फूलो में से pollen बूंदो से धूल जाता है और हमे पता भी नहीं चलता क्युकी ड्रैगन फ्रूट में फूल अधिकतर रात में खिलता है।
बारिश से होने वाले नुकसान:
अगर फ्रूट पूरी तरह नहीं बन पाएगा और छोटा रह जायगा तो इसका मतलब यही है की वह बेचने लायक नहीं रह जायगा ड्रैगन फ्रूट का Dragon fruit price नहीं मिल पायेगा और बाजार में बड़े और सूंदर फलो का dragon fruit price per kg अच्छा मिल पाता है। जिससे किसान को होने वाले मुनाफे में कमी आ सकती है।
इसका समाधान:
अगर आपकी self-pollinated variety है तो आप जब इस बात का ख्याल रखे की जब फूल पूरी तरह खिलने वाला हो उसके मुँह को रबर से हलके हाथ से बंद कर दे। ऐसा करने से बारिश होने से पहले ही उसका pollen सुरक्षित हो जाता है। और बारिश से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
Flower ko बांधने से कोई नुकसान ?
नहीं self-pollinated variety के लिए फूल के खिलने से कोई मतलब नहीं होता उसके लिए फूल के अंदर का pollen available होना चाहिए उसके लिए सही समय और बारिश की सम्भावना देख कर पहले से ही फूल को बंद करके उसके मुँह को बंद कर दे। ऐसा करने से ड्रैगन फ्रूट का अपने आप pollination हो जायगा और बारिश से pollen धुलेगा नहीं और ड्रैगन फ्रूट का size अच्छा बन पाएगा।
Rainfall Affecting Nutritional value
Nutrition loss
पोषक तत्वों की कमी एक गंभीर समस्या है, विशेषकर ड्रैगन फ्रूट के पौधों के लिए। Fruiting के समय इन पौधों के सही विकास के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जब बारिश लगातार होती है, तो ये सभी पोषक तत्व मिट्टी से बह जाते हैं, या तो fix हो जाते है और सबसे ज़ादा fix होने वाला nutrient होता है फॉस्फोरस जिसकी fruiting के समय सबसे ज़ादा ज़रूरत होती है। । इस कमी के चलते पौधों को nutrients की कमी होने लगती है और उनकी पैदावार भी घट सकती है।
इसके आलावा अधिक बारिश के प्रभाव से घास और खरपतवार की समस्या भी उत्पन्न होती है। जब बारिश होती है, तो खरपतवार तेजी से बढ़ने लगते हैं। ये खरपतवार मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को utilise कर लेते हैं, जिससे पौधों को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता। इस कारण से सभी पौधों की वृद्धि बाधित होती है और फल-फूलने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है।
इस प्रकार, बारिश के कारण मिट्टी के पोषक तत्वों का बह जाना और खरपतवारों का बढ़ना, दोनों ही पौधों के पोषण पर बहुत बुरा असर डालते हैं। पौधों के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें सही मात्रा में पोषक तत्व मिलें, ताकि वे स्वस्थ रह सकें और उचित रूप से विकसित हो सकें ताकि प्रति किलो dragon fruit price मिल सके।
Pest and Fungal Attack
बारिश के दौरान, मौसम में आए बदलावों के कारण कीट और रोग तेजी से फैलने लगते हैं। जब बारिश होती है, तो वातावरण में उच्च नमी का स्तर बनता है, जो कीटों को आकर्षित करता है।
विशेष रूप से फ्रूट फ्लाई का हमला काफी चिंता का विषय है। भारी बारिश के समय, कीट और मक्खियाँ पके हुए फलों की ओर आकर्षित होती हैं। ये मक्खियाँ फलों में अंडे देती हैं, जो बाद में फल को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, फलों का आकार छोटा हो जाता है और उनकी गुणवत्ता भी कम हो जाती है। इससे बाजार में dragon fruit price per kg में गिरावट होती है।
इसके अलावा, फंगल और बैक्टीरियल रोग भी इस समय सक्रिय हो जाते हैं। अत्यधिक नमी फंगल रोगों को फैलने का उचित माहौल देती है। ये रोग पौधों और फलों पर हमला करते हैं, जिससे फसल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
dragon fruit price market में कितना मिलेगा यह इस बात पर निर्भर करता है की आपके फ्रूट का size और looks कितने बेहतर है। आप इन सभी factors का ख्याल रख कर dragon fruit price per kg से अच्छा मुनाफा ले सकते है।
conclusion
ड्रैगन फ्रूट की खेती में फ्रूट size काफी matter करता है और बारिश से कई परेशानिया किसान को झेलनी पड़ती है अगर नियमित रूप से advance preparation की जाये तो बारिश में fruit size और dragon fruit price per kg अच्छा लिया जा सकता है।
FAQ:
Q1- Dragon fruit price per kg कितना मिल सकता है?
Ans- Dragon fruit price 1kg कितना मिलेगा यह कई चीज़ो पे depend करता है जैसे की आपके फ्रूट का size कितना है और आपका quality कैसा है और market में demand कितनी है आम तौर से 100RS प्रति किलो से लेकर 290Rs तक मिल सकता है।
Q2- ड्रैगन फ्रूट में flower कबसे आने लगते है ?
Ans- हवा में नमी बढ़ने से कभी जून में या कंही जुलाई से Flowering आने लगती है।
Q3- ड्रैगन फ्रूट के हैंड pollination ज़ादा अच्छा होता है या Natural pollination?
Ans- हैंड pollination बेहतर result देता है लेकिन ज़ादा पौधों में इसे करना मुश्किल होता है इसलिए बड़े फार्म्स में मधुमखियो को पाला जाता है जिससे अच्छे से pollination होता है।
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