दुनिया में Inorganic fertilizers ki practice की जा रही है यूरिया और DAP जैसे केमिकल फ़र्टिलाइज़र का इस्तेमाल किया जा रहा है ड्रैगन फ्रूट की खेती में भी केमिकल फ़र्टिलाइज़र का इस्तेमाल किसान करते है। एक तरफ यह फ़र्टिलाइज़र तेज़ी से नुट्रिशन को release करते है दूसरी तरफ इससे होने वाले नुकसान है जैसे dragon fruit virus जिससे मिटटी में रहने वाले सूक्ष्म जीव कम होने लगते है मिटटी सख्त और बंजर होने लगती है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती में हमे इसका इस्तेमाल करने के बाद यह पाया की पौधों में तेज़ी से नाइट्रोजन बढ़ने से फंगस का अटैक भी बढ़ गया। इनऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र के इस्तेमाल से ड्रैगन फ्रूट के पौधे तेज़ी से बढ़ते तो है लेकिन बीमारियों के शिकार भी हो रहे है। चलिए इसके बारे में विस्तार से बात करते है।
Chemical Fertilizer क्या हैं? एक परिचय
रासायनिक उर्वरक ऐसे कृत्रिम उत्पाद हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इनमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटेशियम (K) जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें NPK के नाम से भी जाना जाता है। ये उर्वरक पौधों की जड़ों तक पोषण पहुंचाकर उनकी वृद्धि, उपज और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करते हैं। ड्रैगन फ्रूट के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। जिसके फायदे के साथ साथ नुकसान भी देखने को मिलते है।
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग आधुनिक कृषि का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। दुनिया भर में इनका उपयोग फसल उत्पादन को बढ़ाने और कृषि को अधिक लाभकारी बनाने के लिए किया जाता है। विशेष रूप से उच्च जनसंख्या वाले देशों में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए इनकी मांग अधिक है। हालांकि, बढ़ते उपयोग के साथ इनके दुष्प्रभावों की चिंताएं भी बढ़ रही हैं।
ड्रैगन फ्रूट की खेती में रासायनिक खाद का इस्तेमाल
ड्रैगन फ्रूट, जिसे पिताया भी कहा जाता है, एक उष्णकटिबंधीय फल है जो अपनी अनूठी बनावट और स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। जैसे जैसे इसकी कमर्शियल खेती बढ़ती जा रही है हम रासायनिक खाद के फ़दये के आगे उससे होने वाले नुकसान को देख नहीं पा रहे है। इसे पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता लेकिन इसके इस्तेमाल को नियंत्रित तरह से करके पूरा फायदा लिया जा सकता है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती में रासायनिक खाद का इस्तेमाल
रासायनिक खाद डालने की विधि
ड्रैगन फ्रूट की खेती में खाद डालने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है:
मिट्टी की जांच: खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच आवश्यक है ताकि यह पता चल सके कि उसमें कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है।
खाद की मात्रा: ड्रैगन फ्रूट के लिए नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटेशियम (K) की संतुलित मात्रा आवश्यक है।
डालने का समय: plantation के तुरंत बाद और उसके बाद हर तीन से चार महीने में देना चाहिए।
डालने का तरीका: खाद को पौधे के चारों ओर मिट्टी में हल्का सा गहरा करके डालें और इसे पानी से सींच दें। यह सुनिश्चित करता है कि पोषक तत्व पौधों की जड़ों तक पहुंचें।
रासायनिक खाद के फायदे
ड्रैगन फ्रूट की खेती में रासायनिक खाद के निम्नलिखित फायदे हैं:
तेजी से वृद्धि: रासायनिक खाद पौधों को तेजी से पोषण प्रदान करता है, जिससे उनकी वृद्धि में सुधार होता है।
उच्च उपज: यह खाद फलों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है।
बेहतर गुणवत्ता: पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलने से फल का आकार, रंग और स्वाद बेहतर होता है।
किफायती: रासायनिक खाद जैविक खाद की तुलना में सस्ती होती है और आसानी से उपलब्ध होती है।
रासायनिक खाद के नुकसान
हालांकि रासायनिक खाद फायदेमंद है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं:
मिट्टी की उर्वरता पर प्रभाव: लंबे समय तक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता घट सकती है dragon fruit virus होता है।
पर्यावरणीय प्रदूषण: रसायन जल स्रोतों में मिलकर प्रदूषण का कारण बन सकते हैं।
dragon fruit virus: रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी में नमी बढ़ जाती है, जो फंगल संक्रमण को बढ़ावा देती है।
पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी: अत्यधिक नाइट्रोजन का उपयोग पौधों को कमजोर बना सकता है और उन्हें dragon fruit virus का अधिक खतरा हो सकता है।
dragon fruit virus का बढ़ना और कारण
ड्रैगन फ्रूट की खेती dragon fruit virus का बढ़ना रासायनिक खाद के अनुचित उपयोग से जुड़ा है।
नमी का स्तर: रासायनिक खाद मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है। लेकिन जब यह नमी अधिक हो जाती है, तो यह फंगस के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है।
अत्यधिक नाइट्रोजन: जब पौधों को आवश्यकता से अधिक नाइट्रोजन दिया जाता है, तो उनकी कोशिकाओं की संरचना कमजोर हो जाती है, जिससे फंगस के लिए हमला करना आसान हो जाता है।
संतुलन की कमी: खाद के संतुलित उपयोग न होने पर मिट्टी का पीएच स्तर बिगड़ सकता है, जिससे फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
अत्यधिक नाइट्रोजन से बीमारियों का खतरा
नाइट्रोजन पौधों की पत्तियों और तनों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है:
कोमल तने और पत्तियां: अधिक नाइट्रोजन पौधों की पत्तियों और तनों को कोमल बना देती है, जिससे वे रोगजनकों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।
जड़ सड़न: अत्यधिक नाइट्रोजन मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की असंतुलन स्थिति पैदा कर सकती है, जिससे ड्रैगन फ्रूट में सड़न की समस्या हो सकती है।
उपज में कमी: dragon fruit plant diseases के बढ़ने से पौधे की उत्पादकता प्रभावित होती है और फल का आकार और गुणवत्ता खराब हो जाती है।
समाधान: रासायनिक और जैविक खाद का संतुलित उपयोग
संतुलित उर्वरक: ड्रैगन फ्रूट की मिट्टी की जांच के आधार पर उर्वरकों की सही मात्रा तय करें।
जैविक विकल्प: गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, और जैविक तरल खाद का उपयोग करें।
नियमित निरीक्षण: पौधों की नियमित जांच करें ताकि किसी भी बीमारी या फंगस का समय पर पता लगाया जा सके।
नमी नियंत्रण: सिंचाई और उर्वरक डालने के बाद मिट्टी की नमी का ध्यान रखें।
Conclusion
ड्रैगन फ्रूट की खेती में अगर आप रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहते है तो आर्गेनिक खाद एके साथ इस्तेमाल करे। मिटटी में नमी बनाये रखे , जीव अमृत का इस्तेमाल करे ताकि मिटटी की health के साथ साथ पौधे की health भी बानी रहे। अत्यधिक रासायनिक खाद से पौधों को तेज़ी से नुट्रिशन मिलते है और ज़ादा नाइट्रोजन आने से dragon fruit plant diseases देखा गया है इसलिए संतुलन बना कर रखे।
FAQ:
Q1- ड्रैगन फ्रूट में रासयनिक खाद में क्या दे सकते है ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट में DAP, NPK 12-32-16, SSP का इस्तेमाल कर सकते है लेकिन बेहतर है की उसके सा तह जीव अमृत भी दिया जाये।
Q2- dragon fruit plant diseases से बचने के लिए किस मौसम में ख्याल रखना है ?
Ans- बरसात के मौसम में जब अत्यधिक बारिश और नमी होती है ऐसे में पहले से फंगस के पनपने के लिए अनुकूल मौसम होता है , और बारिश पौधों में नाइट्रोजन बढ़ा देती है ऐसे में किसी भी खाद का इस्तेमाल करने से पहले अपने पौधों का जायज़ा ज़रूर ले।
Q3- ड्रैगन फ्रूट के लिए कोनसी खाद सबसे अच्छी मानी जाती है ?
Ans- किसी भी पौधे के लिए आर्गेनिक खाद अच्छी होती है बस आपको पौधे की न्यूट्रिशनल ज़रूरत का पता हों चाहिए और उसे कैसे पूरा करना है इस बात का भी पता होना चाहिए।
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