भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती तेज़ी से बढ़ती जा रही है लेकिन अभी भी यह एक नई farming है और भारत जैसे diverse climate में नए और पुराने किसान जो ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे है कई समस्याओ का सामना कर रहे है. हमने भी ड्रैगन फ्रूट की farming हिमाचल प्रदेश जैसे जगह में शुरू की थी और यहाँ के हर मौसम का ड्रैगन फ्रूट प्लांट्स पर अलग असर दिखाई पढ़ा है. आज हम बात करेंगे Dragon Fruit Tree में नया issue Winter Sunburn के बारे में।
Sunburn Kya Hota Hai?
ड्रैगन फ्रूट की खेती काफी sensitive होता है जिसके लिए अनुकूल वातावरण 18–30-degree होता है और इससे ज़ादा और तेज़ धुप में यह पौधे झुलस जाते है और इनके leaves में पीलापन आने लगता है जिससे पौधा ठीक से फोटोसिंथेसिस नहीं कर पाता. और इसी को सनबर्न कहते है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती में सनबर्न एक आम समस्या है, जो तब होती है जब पौधे या फलों को अत्यधिक तेज धूप का सामना करना पड़ता है। तेज धूप के कारण पत्तियां पिली पढ़ने लगती है, यह समस्या खासतौर पर गर्मियों में और उन इलाकों में ज्यादा होती है जहां सीधी धूप लंबे समय तक पड़ती है।
जिन फार्म्स में पश्चिम दिशा के संपर्क में होते है वह सबसे ज़ादा धूप का प्रभाव देखने को मिलता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती में का मुख्य कारण पौधों को सही छाया न मिलना या ज़ादा देर तेज़ धुप पढ़ना है इसके अलावा, अगर पौधे को समय पर पानी नहीं दिया जाए तो यह समस्या और बढ़ सकती है।
Winter Sunburn-ड्रैगन फ्रूट की खेती में
जो किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती करते है उन्हें यह बात अच्छे से समझ आने लगती है की बाकि पौधों से अलग ड्रैगन फ्रूट को गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में पानी की ज़रूरत ज़ादा लगती है..हिमाचल प्रदेश जैसे ठन्डे इलाको में मौसम बाकि ठन्डे इलाके जहा ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है उनसे काफी अलग है. यहाँ मौसम साफ़ होने की वजह से तेज़ धुप होती है और अक्टूबर और नवंबर जैसे समय जब सर्दियों का आगमन हो चूका है हूयमर पौधों को में sunburn की समस्या देखने को मिली है.
इसमें Variety का भी अहम् role होता है लेकिन हमारी कई varieties में sunburn देखने को मिला है जो की आम बात नहीं है हमारी varieties जो भारत के कई इलाको खासकर उत्तर भारत में tried and tested है।
Kaise Pehchane Winter Sunburn ko?
ड्रैगन फ्रूट की खेती में sunburn सिर्फ गर्मियों में हो ऐसा ज़रूरी नहीं। हमारे farm में नवंबर तक sunburn के sign दीखते रहे। दरअसल उत्तरी भारत का यह हिस्सा जो हिमाचल प्रदेश के सोलन में Bhumti नाम की जगह है यह न तो ज़ादा hight में है जहाँ ज़ादा ठण्ड या बर्फ पढ़ती हो और न ही plain land है की हरियाणा और पंजाब जैसी गर्मी हो। यहाँ वातावरण साफ़ और गर्म रहता है। यहाँ on paper तापमान 40 से ऊपर नहीं जाता लेकिन धुप जलाने वाली होती है।
Dragon Fruit की खेती में अपने पौधों का ध्यान रखना ही सबसे अच्छा होता है इसलिए हर कुछ दिन में अपने पुरे farm का मुआना करे और कही किसी पौधे को treatment की आवश्यकता तो नहीं इसका ध्यान रखे। ऊपर दिखाई गयी फोटो हमारे farm से ली गयी है जो हमारी नै plantation की नवंबर महीने की है जिसमे आप साफ़ देख सकते है की mother stem पिली पढ़ गयी है।
sunburn को सही समय पर पहचानना और सही treatment provide करना बेहद ज़रूरी है। हमने इसे सही समय पर treat किया और ज़रूरी चीज़े की ताकि आने वाली ठण्ड में पौधे पहले से stress free रहे।
Winters me Sunburn Kyu?
ड्रैगन फ्रूट की खेती में बरसात के बाद मौसम में हलकी ठंडक आने लगती है और उत्तर भारत में यह सर्दियों की शुरुवात होती है ऐसे में जब तापमान 28 डिग्री से कम होने के बाद भी पौधों को तेज़ धूप नुक्सान पंहुचा सकती है।
- west facing farm में धुप का असर कुछ अलग ही होता है इसलिए यह बाते farm बनाने से पहले ध्यान रखे ।
- open field में sunrays ज़ादा damage करती है इसलिए ड्रैगन फ्रूट के साथ छोटे और छायादार पेड़ लगाए।
- shedding करना सबसे अच्छा रहता है खासकर ऐसे जोन में जहाँ धुप और ठण्ड दोनों unexpected असर दिखा सकती है।
- पीलापन देख के ज़ादा पानी न दे। ज़ादा पानी देने से पौधा ज़रूरत से ज़ादा पानी अपनी leaves में स्टोर कर लेगा और ठीक से photosynthesis न कर पाने की वजा से गलना शुरू हो जायगा।
- खाद डालने का समय निश्चित करे। अगर पौधा स्ट्रेस में है और गर्मी से परेशान है तब एकदम से खाद न डाले पहले पौधे को treatment दे।
Winters me Sunburn Treatment
Green miracle
ड्रैगन फ्रूट की खेती में ग्रीन मिरेकल का स्प्रे एक anti stress का काम करता है जिसे स्प्रे करने से पौधों के ऊपर एक पतली सी लेयर बन जाती है और सूरज की हानिकारक किसने सीधी पौधे को affect नहीं कर पाती। इसके बाद धीरे धीरे यह पौधे के पीलेपन को कम करती है और उससे रिकवर कर देती है।
इससे ज़ादा गर्मी और ठण्ड दोनों हे मौसम में इस्तेमाल कर सकते हैं।
IFFCO Sagarika Seaweed liquid
में कई प्रकार के Multinutrients होते हैं और इसका स्प्रे करने से पौधे को जल्दी recover होने में मदद मिलती हैं।
Kaolin clay
यह एक तरह की ऑर्गॅनियस मिटटी होती हैं जिसका रंग सफ़ेद होता है इसमें कई गुण होते हैं और इसके स्प्रे से ड्रैगन फ्रूट पर एक layer बन जाती हैं जिससे गर्मी का असर कम हो जाता हैं और ठण्ड में भी इसका प्रभाव काफी अच्छा देखा गया हैं।
Shedding
मौसम के प्रभाव से अगर ड्रैगन फ्रूट को बचाना हो और अच्छाई कमर्शियल fruiting लेनी हो तो एक हे तरीका हैं की शेडिंग provide की जाये। भारत में मौसम इस पौधे की requirement से थोड़ा अलग हैं इसलिए शेडिंग के बाद इसमें अच्छे result देखने को मिलते हैं।
Also Read: Dragon fruit farming Tips Step by Step
FAQ
Q1- ड्रैगन फ्रूट को पानी कब ज़ादा चाहिए होता हैं ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट को सर्दियों में पानी की need होती है।
Q2- क्या ग्रीन मिरेकल winter में भी काम आता हैं ?
Ans- ग्रीन मिरेकल को गर्मी और सरदी दोनों में इस्तेमाल किया जाता हैं।
Q3- ड्रैगन फ्रूट को ज़ादा धुप की ज़रूरत होती है ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट को सिमित धुप की आवश्यकता होती हैं ज़ादा गर्मी और सर्दी दोनों से हे पौधे stress में जा सकते हैं।
अगर आपके ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़े कोई सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट करके बताये ।
Useful information 🤠