दुनिया में Dragon fruit की production 12-month ली जा रही है जिसमे Vietnam सबसे बड़ा नाम है। वैसे तो ड्रैगन फ्रूट की खेती भारत में भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लेकिन इसकी seasonal fruiting तक हे सीमित है। इसकी उच्च बाज़ारो में बढ़ती मांग इसे एक attention का कारण बनाती है। ड्रैगन फ्रूट एक मुनाफा देने वाली बागबानी है । किसान इसे साल के 12 महीने कैसे ऊगा पा रहे है और भारत में खास तौर पर उत्तर भारत में जगह तापमान इसके अनुकूल नहीं offseason fruiting possible है? चलिए इसके बारे में बात करते है।
Dragon fruit की Off-season fruiting क्या है ?
Dragon fruit की खेती में सामान्य जून end से लेकर अक्टूबर तक fruiting आती है जो 4 से 5 flowering waves में आती है मतलब हर बार नए flowers ready होते रहते है। जिन देशो में ड्रैगन फ्रूट या जिसे पितया भी कहा जाता है इसकी खेती सालो से की जा रही है वोह इसके fruiting के मामले में इतने expert हो चुके है की साल में 2 बार यानि almost pure साल ड्रैगन फ्रूट से fruiting लेते है इसे ही offseason fruiting कहते है।
इसके लिए कृत्रिम साधनों और विशेष तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
offseason fruiting किसानों को बाजार में फसल की कमी के समय अधिक मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है।
offseason fruiting करने के लाभ
dragon fruit price per kg मार्किट में ऊपर निचे चलता रहता है जो की अपने आप में अच्छा माना जाता है। इसलिए लोगो ने offseason production की तरफ ध्यान दिया है।
offseason production से किसान ज़ादा मुनाफा कमा सकता है क्युकी उन दिनों बाजार में फलो की सप्लाई कम हो जाती है। ऐसे में तकनीकों का इस्तेमाल करके offseason production में market में supply chain बनी रहती है।
off-season fruiting के लिए तकनीकें
Dragon fruit की ऑफ-सीजन फ्रूटिंग के लिए कुछ खास तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इन तकनीकों के माध्यम से पौधों को उनके fruiting के natural cycle से बाहर fruits के लिए prepare किया जाता है।
कृत्रिम प्रकाश (Artificial Lighting)
- Dragon fruit के पौधे की फूल और fruit बनने की प्रक्रिया प्रकाश अवधि (Photoperiod) पर निर्भर करती है।
- सर्दियों में या offseason में जब दिन छोटे होते हैं, तो पौधों को अतिरिक्त प्रकाश देने के लिए रात में भी बल्ब का उपयोग किया जाता है।
Lighting तकनीक:
प्रति पौधा 10-12 घंटे तक एलईडी बल्ब या CFL लाइट का उपयोग किया जाता है ।
लाल और नीली रोशनी (Red & Blue Spectrum) पौधों की वृद्धि और फूल आने में सहायक होती है।
तापमान नियंत्रण
पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस का उपयोग कर तापमान को 15-30 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखा जा सकता है।
सर्दियों में हीटर या सोलर पैनल हीटिंग सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है।
सिंचाई प्रबंधन
सर्दियों में सिंचाई की मात्रा कम ना करें, क्योंकि बाकि पौधों से अलग इन्हे सर्दियों में ज़ादा पानी की आवश्यकता होती है।
drip irrigation का उपयोग करें ताकि पानी की सही मात्रा पौधों तक पहुंचे।
मल्चिंग तकनीक
पौधों के आसपास जैविक मल्च (जैसे भूसा, पत्तियां) का उपयोग करें। यह मिट्टी में नमी बनाए रखने और तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।
उर्वरकों का सही उपयोग
ऑफ-सीजन फ्रूटिंग के लिए पौधों को पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है।
जैविक खाद, पोटैशियम और फॉस्फोरस युक्त उर्वरकों का उपयोग करें।
हार्मोनल स्प्रे
हार्मोन (जैसे Gibberellic और साइटोकाइनिन) का उपयोग कर पौधों को फूल और फलने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
यह तकनीक पौधों की प्राकृतिक वृद्धि प्रक्रिया को तेज करती है।
हिमाचल जैसे ठंडे इलाकों में ड्रैगन फ्रूट off-season fruiting की संभावना
हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट की खेती चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह एक उष्णकटिबंधीय पौधा है, जिसे गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है। लेकिन आधुनिक तकनीकों और संरक्षित खेती (जैसे पॉलीहाउस और बल्ब विधि) के उपयोग से इसे ठंडे इलाकों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है लेकिन commercial खेती में इसे करना मुश्किल है।ड्रैगन फ्रूट में सर्दियों में भी flower buddings आते है लेकिन ठण्ड में वह drop हो जाते है क्युकी इस पौधे के लिए यह अनुकूल तापमान नहीं।
चुनौतियां:
कम तापमान: हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के दौरान तापमान 0 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे चला जाता है। ड्रैगन फ्रूट का पौधा 8-38 डिग्री सेल्सियस तापमान में पनपता है।
बर्फबारी और ठंढ: बर्फ और अत्यधिक ठंढ पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कम धूप: ड्रैगन फ्रूट को प्रतिदिन 6-8 घंटे की धूप चाहिए। ठंडे इलाकों में धूप कम मिलने की संभावना रहती है।
संभावनाएं:
हिमाचल में ड्रैगन फ्रूट की offseason fruiting करना मुश्किल है लेकिन इसे बड़े scale पर commercial में कर पाना इसलिए कठिन है क्युकी ठण्ड में तापमान शुन्य डिग्री तक चला जाता है ऐसे में सिर्फ pollyhouse में तापमान को कुछ हद तक करना आसान है लेकिन बड़े स्केल में जगह हज़ारो पौधे लगाए जाते है इतने बड़े इलाके को बंद करना पूरी तरह से और मौसम के असर को कम करना थोड़ा challenging हो सकता है। अभी ऐसी कोई विशेष तकनीक नहीं आयी है जिससे ठन्डे इलाको में ऐसा किया जाये।
FAQ:
Q1- ड्रैगन फ्रूट का market में dragon fruit price per kg क्या मिलता है ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट का भाव market में 150 से लेकर 300 रूपए प्रति किलो होलसेल मिलता है।
Q2- ड्रैगन फ्रूट साल में कितनी बार fruit देता है?
Ans- ड्रैगन फ्रूट साल में आम तौर पर सबसे ज़ादा fruiting देता है जो continue 5 महीने तक देता है।
Q3- ड्रैगन फ्रूट में offseason fruiting भारत में कहीं हो रही है ?
Ans- हाँ साउथ में कुछ इलाको में छोटे पैमाने में इसकी शुरुवात हुई है लेकिन कुछ समय में यह बढ़ जायगी।
Q4- ड्रैगन फ्रूट offseason production से किसान का क्या फायदा ?
Ans- offsesaon में किसान को मनचाहा rate मिल सकता है और अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
अगर आपका कोई भी प्रशन्न या सुझाव हो तो हमे कमेंट करके बताये।
धन्यवाद।
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