ड्रैगन फ्रूट की खेती में पौधों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, इसके लिए उसे Stress Free रहना आवश्यक है, ड्रैगन फ्रूट एक Sensitive खेती होती है जिससे काफी मुनाफा कमाया जा सकता है इसके लिए हमे नरंतर पौधों की देखभाल करना आवश्यक है । लेकिन कई बार कुछ गलतियों के कारण पौधे तनाव में आ जाते हैं। यहां हम उन उन 5 Issues पर चर्चा करेंगे जो dragon fruit meaning in hindi के पौधों में तनाव का कारण बनते हैं।
1. Dragon fruit plants में संतुलित खाद की कमी
ड्रैगन फ्रूट के पौधों को अच्छी वृद्धि और quality fruits के लिए पोषक तत्वों की सही मात्रा चाहिए। यदि मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है, तो पौधे कमजोर हो जाते हैं और stress में आ जाते है।
Stress के लक्षण:
पौधे में पीलापन होने लगता है : ड्रैगन फ्रूट एक heavy feeder पौधा है जिसे खूब सारे खाद और पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है और इसकी कमी से इसकी शकल में बदलाव आने लगते है।
dragon fruit meaning in hindi growth नहीं कर पाते : अगर पौधों को ठीक से खाना और ज़रूरत की चीज़े न दी जाये तो पौधा अपनी growth लेना बंद कर देता है।
fruiting नहीं कर पाते : nutrition की कमी से पौधा फलो के season में या तो flowerdrop कर देता है या fruit का size ऐसा बनता है जिसकी बाजार में कोई कीमत नहीं जिससे नुकसान के हालत बन जाते है।
समाधान:
सबसे पहले एक नियम से मिट्टी की जांच करें और उसमें कमी और ज़रूरत के अनुसार आवश्यक पोषक तत्व डालें। और एक Basel dose के साथ कैल्शियम और अन्य ज़रूरी nutrition भी डाले।
जैविक खाद और उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें: ड्रैगन फ्रूट की खेती में organic compost खाद डालना बेहत अच्छा रहता है।
समय-समय पर पौधों को पोषण और नमी के लिए मल्चिंग करें : ड्रैगन फ्रूट के पौधों में खाद के साथ mulching करना भी बेहद अहम् है ताकि जड़ो में नमी बानी रहे।
2. नमी की कमी
dragon fruit meaning in hindi के पौधों को पानी से ज़ादा उचित मात्रा में नमी की जरूरत होती है। नमी की कमी के कारण मौसम का जड़ो पर सीधा असर पढता है जिससे ड्रैगन फ्रूट के पौधे तनाव में आ सकते हैं, खासकर गर्मियों के दौरान।
इसके लक्षण :
dragon fruit meaning in hindi के पौधों में पानी या नमी की कमी से पौधे Stress में आने लगते है। आप ड्रैगन फ्रूट की leaves को देखकर बता सकते है की वह स्ट्रेस में है उनका रंग हल्का पिंक होना शुरू हो जाता है।
ड्रैगन फ्रूट के प्लांट्स में रिंकल्स आने लगते है उनके अंदर का पल्प सूखने लगता है।
समाधान:
नियमित रूप से पानी दें, लेकिन सुनिश्चित करें कि पानी अधिक न हो।
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग करें ताकि नमी हमेशा बनी रहे।
मिट्टी को ढकने के लिए मल्चिंग करें, जिससे नमी बरकरार रहे घास की मल्चिंग बेहतर होती है।
3. धूप और सनबर्न
dragon fruit meaning in hindi के पौधे को धूप पसंद है, लेकिन अत्यधिक गर्मी और सीधी धूप से वह झुलस जाते है और पीलापन आ जाता है। इसके बाद पौधे स्ट्रेस
में आ जाते है और फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षण
dragon fruit meaning in hindi के पौधों में सनबर्न को आसानी से पहचाना जा सकता है , ड्रैगन फ्रूट के पौधों में हल्का पीलापन आने लगता है।
नयी buddings झुलस जाती है और growth रोक देती है।
समाधान:
green miracle का इस्तेमाल करे उससे स्ट्रेस कम होता है।
पौधों को बहुत अधिक सीधी धूप से बचाने के लिए 50% शेड नेट का उपयोग करें।
पौधों के आसपास घास बिछाये ताकि तापमान संतुलित रहे।
पौधों को गर्मी के दौरान सुबह या शाम के समय पानी दें धुप में पानी न दे।
4. कीट और फंगस पर ध्यान न देना
ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर समय-समय पर कीट और फंगस का हमला होता रहता है। इसलिए नियमित रूप से पौधों को देखते रहे और किसी भी तरह के कीट या फंगस के लिए treatment ज़रूर दे। इनका समय पर इलाज न करने से पौधे कमजोर हो जाते हैं Stress में आ जाते है और उनका उत्पादन प्रभावित होता है।
लक्षण :
ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर अलग अलग तरह के कीट निक्सन पहुंचाते है इसलिए अपने पौधों को रूटीन में चेक करे। फंगस के लिए brown spots rot rust भूरे रंग के इनका ध्यान रखे।
समाधान:
नियमित रूप से पौधों की जांच करें।
जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
फंगस को नियंत्रित करने के लिए नीम के तेल या अन्य जैविक उपायों का इस्तेमाल करें।
Trichoderma pseudomonas का इस्तेमाल करे
पौधों के आसपास सफाई बनाए रखें।
5. अत्यधिक घास का उगना
पौधों के आसपास अत्यधिक घास उगने से मिट्टी के पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे पौधों को उनकी आवश्यकता के अनुसार पोषण नहीं मिल पाता। और उनकी ग्रोथ नहीं होती और मौसम के बदलने पर वह Stress में रहते है।
लक्षण :
घास मिट्टी के पोषक तत्वों को खींच लेती है।
अत्यधिक घास और नमी से फंगस के chances बढ़ जाते है।
ज़ादा घास में कीटो का हमला भी बढ़ जाता है।
पौधे कमजोर हो जाते हैं।
समाधान:
पौधों के आसपास नियमित रूप से निराई-गुड़ाई करें।
घास उगने से रोकने के लिए मल्चिंग करें।
सफाई और एयर वेंटिलेशन का ख्याल रखे।
Conclusion:
ड्रैगन फ्रूट की खेती भारत में की जा रही है लेकिन यहाँ का वातावरण इसके अनुकूल नहीं है हमे इसे अनुकूल बनाये रखना पढता है और उसके लिए हमे पौधों को ज़ादा से ज़ादा समझना होगा जिसके लिए उनके साथ समय बिताना ज़रूरी है तभी इन्हे किस चीज़ की आवश्यकता है समझा जा सकता है। ड्रैगन फ्रूट में स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद ज़रूरी है।
FAQ:
Q1- ड्रैगन फ्रूट के पौधों को कितनी बार पानी देना चाहिए?
Ans- ड्रैगन फ्रूट के पौधों को गर्मी के मौसम में हर ४-5 दिन में और ठंड के मौसम में सप्ताह में एक बार पानी देना चाहिए।
Q2- ड्रैगन फ्रूट के पौधों को कौन-कौन से पोषक तत्व चाहिए?
Ans- ड्रैगन फ्रूट के पौधों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
Q3- ड्रैगन फ्रूट के पौधों में फंगस से कैसे बचें?
Ans- पौधों को समय-समय पर जैविक फंगीसाइड से स्प्रे करें और उनकी सतर्क निगरानी करें।
Q4- क्या ड्रैगन फ्रूट के पौधे को हमेशा धूप में रखना चाहिए?
Ans- ड्रैगन फ्रूट को धूप पसंद है, लेकिन अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए शेड नेट का उपयोग किया जा सकता है।
Q5- घास को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
Ans- घास को नियंत्रित करने के लिए नियमित निराई-गुड़ाई करें और मल्चिंग का उपयोग करें।