भारत में Agriculture field me महिलाये छोटे से लेकर बड़े projects run कर रही है, लेकिन आज भी कुछ लोग इस बात से अनभिज्ञ है की महिलाये भी किसान हो सकती है। ड्रैगन फ्रूट की खेती ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। हालांकि, महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यहाँ हम बात करने वाले है dragon fruit ki kheti में महिलाओं का बढ़ता योगदान और कुछ प्रमुख उपाय जिनसे महिलाओं का योगदान बढ़ाया जा सकता है।
Kerala Woman Dragon fruit Farmer story
केरल के कोल्लम की रेमाभाई एस ने 36 साल तक जूलॉजी टीचर के रूप में काम करने के बाद अपनी रिटायरमेंट के समय छत पर बिना मिटटी dragon fruit ki kheti शुरू की। आज वह छत पर ड्रैगन फ्रूट उगाकर हर महीने ₹1 लाख कमा रही हैं। अपनी मां के निधन के बाद, उन्होंने खुद को व्यस्त और Active रखने के लिए यह खेती शुरू की। बेटे से ड्रैगन फ्रूट के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानने के बाद उन्होंने इसे अपने व्यवसाय में बदलने का फैसला किया।
बिना मिटटी की खेती क्यों?
रेमाभाई के पास खेती के लिए जमीन नहीं थी, इसलिए उन्होंने छत पर बिना मिटटी के dragon fruit ki kheti का विकल्प चुना। बड़े प्लास्टिक बैरल में कंपोस्ट, लकड़ी की भूसी, पत्तियां और जैविक कचरे का उपयोग कर उन्होंने पौधों के लिए पोषक माध्यम तैयार किया।
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सफलता के पीछे का राज – dragon fruit ki kheti kaise hoti hai ?
उन्होंने dragon fruit ki kheti मिट्टी की जगह पत्तियां, चावल की भूसी और जैविक खाद से पोषक तत्व प्रदान किए।
जैविक खाद: मछली, झींगा, केकड़े के छिलके, गुड़ और सब्जी के कचरे से तीन महीने में जैविक खाद तैयार की।
संगठन और योजना**: 50 बैरल से शुरुआत कर 4 सेंट के क्षेत्र में खेती की।
YouTube चैनल से दूसरों को प्रेरित करना
रेमाभाई अपने यूट्यूब चैनल ‘JC’s World’ के माध्यम से dragon fruit ki kheti kaise hoti hai aur मिट्टी रहित खेती और जैविक खाद बनाने की तकनीक साझा कर रही हैं। वह नई पीढ़ी और विशेष रूप से महिलाओं को खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
रेमाभाई एस की यह कहानी दर्शाती है कि जुनून और मेहनत से किसी भी उम्र में सफलता हासिल की जा सकती है। उनका अनूठा दृष्टिकोण न केवल किसानों को प्रेरित कर रहा है, बल्कि सतत कृषि के भविष्य का भी मार्ग दिखा रहा है।
dragon fruit ki kheti में महिलाओं का योगदान कैसे बढ़े?
जागरूकता अभियान चलाना
ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट की खेती के फायदों और संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। महिलाओं को इस फसल की आर्थिक संभावनाओं, इसके कम रखरखाव की जरूरत और स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। स्थानीय प्रशासन, कृषि विभाग और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर कार्यशालाएँ, Seminar और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने चाहिए, जहाँ महिलाओं को व्यावहारिक अनुभव और सफल किसानों की कहानियाँ सुनाई जा सकें। इन अभियानों के माध्यम से महिलाएँ न केवल इस खेती को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का मार्ग भी खोज सकेंगी।
प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना
महिलाओं को dragon fruit ki kheti Kaise Hoti Hai में सक्षम बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। इन कार्यक्रमों में उन्हें आधुनिक खेती तकनीकों, पौधों की देखभाल, सिंचाई, और प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी जाए। इसके साथ ही, जैविक खाद तैयार करने और बाजार में उत्पाद बेचने की रणनीतियाँ भी सिखाई जाएँ। कृषि विश्वविद्यालय और स्थानीय सरकारी संस्थाएँ महिलाओं के लिए निशुल्क या सब्सिडी पर कार्यशालाएँ आयोजित करें। इन प्रशिक्षण सत्रों से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे इस लाभदायक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी, जिससे उनका आर्थिक और सामाजिक विकास संभव होगा।
वित्तीय सहायता और सब्सिडी उपलब्ध कराना
महिलाओं को dragon fruit ki kheti Kaise Hoti Hai me निवेश के लिए सरल शर्तों पर ऋण और माइक्रोफाइनेंस सुविधाएँ उपलब्ध करानी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वे बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आसानी से आर्थिक मदद प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, सरकार को महिलाओं के लिए विशेष सब्सिडी योजनाएँ शुरू करनी चाहिए, जिनमें बीज, पौधे, खाद, और आवश्यक उपकरण कम दरों पर प्रदान किए जाएँ। इस प्रकार की वित्तीय सहायता से महिलाएँ खेती शुरू करने में सक्षम होंगी और इसे एक लाभदायक व्यवसाय में बदल पाएंगी। यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा।
महिला सहकारी समितियों का गठन
महिलाओं के छोटे-छोटे समूह बनाकर उन्हें सहकारी समितियों के माध्यम से संगठित किया जा सकता है।
इन समितियों के माध्यम से उत्पाद की बिक्री और मार्केटिंग में मदद मिलेगी।
बाजार तक सीधी पहुँच दिलाना
महिलाओं को ड्रैगन फ्रूट और उससे बने उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए उचित प्लेटफॉर्म दिया जाए।
सरकारी योजनाओं के तहत किसानों के लिए मेलों और ई-मार्केटप्लेस का आयोजन किया जाए।
घरेलू और ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा देना
महिलाएं अपने उत्पादों को स्थानीय स्तर पर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart, या सोशल मीडिया के माध्यम से बेच सकती हैं।
उन्हें डिजिटल मार्केटिंग की ट्रेनिंग दी जाए।
महिला-केंद्रित सरकारी योजनाएँ लागू करना
सरकार महिलाओं के लिए विशेष कृषि योजनाएँ शुरू करे, जैसे उपकरणों की खरीद में छूट, सब्सिडी, और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुदान।
राज्य सरकारें स्थानीय स्तर पर महिला किसानों के लिए सहायता केंद्र स्थापित करें।
सफलता की कहानियों को प्रचारित करना
ऐसी महिला किसानों की कहानियाँ जो ड्रैगन फ्रूट की खेती में सफल रही हैं, को प्रचारित किया जाए।
यह अन्य महिलाओं को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करेगा।
FAQ
Q1- ड्रैगन फ्रूट की खेती महिलाये भी कर सकती है ?
Ans- हाँ ड्रैगन फ्रूट एक sensitive और profitable फार्मिंग है और इसके लिए सिर्फ guidance की ज़रूरत होती है इसे कोई भी कर सकता है।
Q2- ड्रैगन फ्रूट के लिए क्या महिलाओ को सरकार की ओर से कोई फैसिलिटी है ?
Ans- सरकार की तरफ से कोई direct सब्सिडी अभी तक नहीं आयी है लेकिन काम रेट्स पर लोन स्कीम काफी है आप चाहे तो इस्पे रिसर्च कर सकते है।
Q3- ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कोनसी variety और कितनी ज़मीन चाहिए ?
Ans- variety की टेस्टिंग पहले अपने इलाके के हिसाब से करे और जैसा की आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते है इसके लिए सिर्फ जज़्बा चाहिए और केरल की रहने वाली एक टीचर ने इसे छत में ग्रो बैग्स और पोली बैग में लगा कर एक अच्छा मुनाफा कमाया है।
अगर आपका कोई भी सुझाव और प्र्शन्न हो तो हमे कमेंट करके ज़रूर बताये
धन्यवाद।
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