ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें Land preparation Easy Step-1

नमस्कार, स्वागत करता हूँ आपका इस नए ब्लॉग में। आज हम बात करने वाले है की जो लोग ड्रैगन फ्रूट लगाना चाहते है और उसके लिए कहाँ से शुरुवात करे तो आप सही जगह पर आये है यहाँ आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें के बारे में विस्तार से जानकारी दी जायगी।
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे पहला step है अपने खेत या ज़मीन को इस खेती के लिए तैयार करना आइये जानते है

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें-आदर्श मिट्टी?

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें Step-1 Land preparation
ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें

ड्रैगन फ्रूट जैसे exotic फ्रूट की खेती के लिए सबसे पहले हमे अपनी मिटटी की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए , उससे पहले हम जान लेते है की मिटटी कितने प्रकार की होती है।

मुख्य तौर से मिटटी 3-4 तरह की होती है dragon fruit kheti kaise kare

ड्रैगन फ्रूट को किसी भी तरह की मिटटी में लगाया जा सकता है लेकिन इन सभी तरह की मिटटी में से रेतीली मिटटी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण है रेतीली मिटटी में पानी नहीं ठहरता और मिटटी ढीली होती है इसकी वजह से ड्रैगन फ्रूट अपनी जड़ो का अच्छे से विकास कर पता है और आपका पौधा अच्छे से ग्रो करता है।

बाकि पौधों की तुलना में ड्रैगन फ्रूट के पौधे की जड़े मिटटी से सिर्फ २-३ इंच निचे तक ही जा पाती है, इसका root zone छोटा होता है इसके लिए बाकि मिट्टियो की तुलना में रेतीली मिटटी बेहतर मानी जाती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की बाकि मिटटी में इसकी खेती नहीं की जा सकती।

अगर आप अपनी मिटटी को अच्छे से मैनेज करे तो किसी भी मिटटी में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा सकती है चलिए जानते है की ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करते हैं

मिटटी का लैब टेस्ट-ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी

ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी

सबसे पहले आपको अपनी मिटटी की टेस्टिंग करवानी है, मिट्टी का लैब टेस्ट करवाना ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी पहला महत्वपूर्ण कदम है। टेस्टिंग से आपको मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी मिलती है और यह भी पता चलता है कि कोई पोषक तत्व अधिक या कम तो नहीं है। इसके साथ ही, मिट्टी का pH स्तर जानना भी ज़रूरी है, क्योंकि ड्रैगन फ्रूट के लिए उपयुक्त pH लगभग 6.5 होता है, जो हल्का अम्लीय (slightly acidic) होता है। pH स्तर सही होने से पौधों को पोषक तत्व आसानी से मिलते हैं, जिससे वे अच्छी तरह से बढ़ते हैं। इस प्रकार, मिट्टी की टेस्टिंग से आप फसल की उपज बढ़ाने के लिए ज़रूरी बदलाव कर सकते हैं।

मिटटी की जांच कैसे करे?

मिट्टी की जांच के लिए खेत के 5 अलग-अलग हिस्सों से नमूने लेना आवश्यक है। इसके लिए चारों कोनों और एक खेत के बिलकुल बीच में से मिट्टी लें। प्रत्येक स्थान पर 1×1 फीट का V-आकार का गड्ढा बनाएं और उसमें से मिट्टी खोद कर निकालें। सभी पांच स्थानों से ली गई मिट्टी को अच्छे से मिलाएं और मोटे कणों को छान लें। इसके बाद, करीब 1-2 किलो मिट्टी एकत्रित करके लैब टेस्टिंग के लिए भेजें।

मिट्टी में पोषक तत्वों और pH स्तर, कार्बनिक पदार्थ, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम मेजर नुट्रिएंट की जांच करना बेहद ज़रूरी है। इससे आपको ड्रैगन फ्रूट के लिए आवश्यक नुट्रिशन को मानतें करने में मदद मिलेगी और यहाँ जानकारी से मिटटी को कैसे मैनेज करना है इसके लिए आप ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी मैनेज कर सकते है।

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मिटटी को तैयार करे-dragon fruit की खेती कैसे कैसे करे

dragon fruit ko kaise khate hain


ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने से पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें aur खेत की उचित ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी ज़रूरी है। इसके लिए 200 लीटर पानी में वेस्ट डिकम्पोजर और जीवामृत मिलाकर मिट्टी की सिंचाई करें और १०-१५ दिन के लिए छोड़ दे। वेस्ट डिकम्पोजर पुराने रासायनिक तत्वों को न्यूट्रलाइज करता है, जिससे मिट्टी साफ और संतुलित होती है। इसके साथ ही, जीवामृत मिट्टी को प्राकृतिक रूप से अधिक उपजाऊ बनाता है। इससे मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि बढ़ती है, जो नई फसल के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करती है। ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी से मिट्टी की नुट्रिशन साइकिल में सुधार होता है और फसल को आवश्यक पोषण ठीक से मिल पाता है।

इस प्रक्रिया के बाद, मिट्टी में उपजाऊ तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ड्रैगन फ्रूट की फसल को सही विकास के लिए जरूरी पोषण पर्याप्त मिलता रहता है। जब मिट्टी में जीवन की गुणवत्ता सुधरती है, तो पौधों की जड़ें भी बेहतर तरीके से फैलती हैं और वे पानी तथा पोषक तत्वों कोअच्छे से ले पाती हैं।

इस प्रक्रिया से मिट्टी का जीवाणु संतुलन भी सही रहता है, जिससे दीमक और अन्य कीटों का आक्रमण कम होता है। इस तरह, खेत की तैयारी के दौरान किए गए ये उपाय न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारते हैं, बल्कि अंततः ड्रैगन फ्रूट की उपज को भी बढ़ाते हैं।

इसलिए, सही ट्रीटमेंट के साथ शुरूआत करने से आप एक स्वस्थ और उत्पादक खेती का आधार स्थापित कर सकते हैं, जो भविष्य में अच्छी फसल देने में मददगार साबित होगी।ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी

मिटटी में स्लोप बनाये-ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी


आप अपनी मिट्टी को ट्रैक्टर और रोटावेटर से अच्छे से जुताई करें और खेत को एक डाउन स्लोप दें। स्लोप देने के कई फायदे हैं। सबसे पहले, अगर मिट्टी में ढलान होगा, तो बारिश के दौरान पानी जमा नहीं होगा। इससे पानी की निकासी सही तरीके से होगी, जो ड्रैगन फ्रूट के पौधों के लिए बेहद जरूरी है।

जब मिट्टी में अतिरिक्त पानी रुकेगा नहीं, तो पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन मिलती है, और जड़ों के सड़ने की समस्या कम होती है। इस प्रकार, ढलान वाली ज़मीन इन पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करती है और उनके विकास को बेहतर बनाती है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें में यह सभी स्टेप्स का ध्यान रखने से न केवल ड्रैगन फ्रूट को लगाने में आसानी होगी, बल्कि भविष्य में आने वाली दिक्कतों के चान्सेस को कम भी करती है।


मिटटी को तैयार कैसे करे ?

खादबकरी, गाय, मुर्गी , केचुए की खाद
रेतmixture
दीमक नियंत्रणorganic, inorganic ways

खाद

ड्रैगन फ्रूट को किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन सबसे पहले आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी के बाद अपने खेत में तीन ट्रॉली गोबर की खाद डालनी चाहिए। इसके बाद, ट्रैक्टर और रोटावेटर की मदद से खाद को अच्छी तरह मिला दें। पौधों की रोपाई से पहले खाद डालने के कई लाभ होते हैं, क्योंकि यदि मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी होती है, तो पौधे सही तरीके से विकसित नहीं हो पाते।

हमने भी शुरुआत में यही गलती की थी, जिसके कारण हमें मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी का सामना करना पड़ा। इस कमी के कारण सभी पौधों की वृद्धि समान नहीं हो पाई। सही मात्रा में खाद डालने से पौधों की ग्रोथ में सुधार होता है और वे स्वस्थ रहते हैं।

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप पौधों की रोपाई से पहले मिट्टी की स्थिति का ध्यान रखें। उचित खाद का उपयोग करने से न केवल पौधों की वृद्धि में मदद मिलती है, बल्कि यह फसल की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है और सही जानकारी और तैयारी से आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

रेत का इस्तेमाल-ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी

अगर आपकी मिट्टी कठोर या चिकनी है, तो आप रेत का उपयोग करके ड्रैगन फ्रूट के लिए मिटटी को सूटेबल बना सकते हैं। आपको बस उस स्थान पर, जहाँ ड्रैगन फ्रूट का bed बनेगा, वहां मिट्टी में रेत मिलानी होगी।

यदि आप bed बनाते समय रेत नहीं मिला सकते, तो जब भी आप खाद डालें, उसमें रेत मिलाकर ही खाद को लगाए। इससे आप ड्रैगन फ्रूट के लिए अपनी मिट्टी को सही suitable बनाए रख सकते हैं।

इस तरह, आप किसी भी तरह की मिटटी में ड्रैगन फ्रूट आराम से लगा सकते है। मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने से ड्रैगन फ्रूट अचे से grow करता है।

मिट्टी में दीमक और अन्य कीटों का नियंत्रण


नीम की खली का प्रयोग: नीम की खली, जो कि नीम के बीजों से बनती है, अपने आप में काफी पौष्टिक होती है उसे मिट्टी में डालने पर दीमक को कण्ट्रोल किया जा सकता है। नीम खली से मिट्टी में कीटों का प्रकोप भी कम होता है। नीम की खली का प्राकृतिक गुण यह है कि यह न केवल मिट्टी में पौष्टिकता बढ़ाती है, बल्कि प्लांट की हेल्थ के लिए भी अच्छी होती है।

सोलराइज़ेशन (सूरज की रोशनी से कीट नाश): गर्मियों में मिट्टी को प्लास्टिक की शीट से ढककर कुछ दिन धूप में छोड़ना बहुत फायदेमंद होता है। सूरज की तेज़ गर्मी से मिट्टी में मौजूद दीमक और अन्य हानिकारक कीट मर जाते हैं। इसे सोलराइज़ेशन कहा जाता है और यह तकनीक पूरी तरह प्राकृतिक है, जिसमें किसी रसायन का प्रयोग नहीं होता है।

जैविक कीटनाशकों का छिड़काव: जैविक कीटनाशक जैसे नीम का तेल, लहसुन का अर्क, और गोमूत्र, मिट्टी में छिड़कने पर कीटों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। ये पदार्थ पौधों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं, और रासायनिक कीटनाशकों की तरह हानिकारक प्रभाव नहीं छोड़ते।

सहजीव पौधों का रोपण: गेंदा, तुलसी और पुदीना जैसे पौधों में कीटों को आकर्षित करने वाले तत्व होते हैं, जो उन्हें फसल से दूर रखते हैं। खेत के किनारों पर इन पौधों को लगाने से कीट मुख्य फसल से दूर रहते हैं और उनकी संख्या भी नियंत्रित होती है।

दीमक नियंत्रण के लिए बायो-कंट्रोल एजेंट: ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक एजेंट दीमक को नियंत्रित करने में कारगर हैं। ये माइक्रोब्स मिट्टी में दीमक के खिलाफ काम करते हैं, बिना किसी रासायनिक कीटनाशक के। इन्हें मिट्टी में मिलाने से दीमक की संख्या कम होती है और फसल को प्राकृतिक रूप से सुरक्षा मिलती है।

chemical options:

क्लोरपाइरीफॉस: यह एक प्रभावी रासायनिक कीटनाशक है जो दीमक को मिट्टी से दूर रखने में सहायक होता है। इसे मिट्टी में मिलाकर छिड़काव करने से दीमक का प्रभाव कम होता है। ध्यान रखें कि इसका उपयोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करें, ताकि फसल सुरक्षित रहे।

फिप्रोनिल: यह एक और प्रभावी कीटनाशक है, जो दीमक के खिलाफ प्रभावी तरीके से काम करता है। इसकी थोड़ी मात्रा को खेत की मिट्टी में मिलाने से दीमक का प्रकोप कम होता है। लेकिन इसका उपयोग बहुत ध्यान से करें और खेती के विशेषज्ञ से सलाह लें।

बोरेक्स (सोडियम बोराट): दीमक को मिट्टी में रोकने के लिए बोरेक्स एक प्रभावी उपाय है। इसे मिट्टी में मिलाकर छिड़कने से दीमक का नियंत्रण होता है। यह एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प है जो दीमक को फसल से दूर रखता है।

अगर आपका कोई भी प्रश्न या सुझाव है तो आप कमेंट करके हमे पूछ सकते है
धन्यवाद।


FAQ

Q1- ड्रैगन फ्रूट के लिए कैसी मिटटी चाहिए?
Ans- ड्रैगन फ्रूट किसी भी तरह की मिटटी में लगाया जा सकता है उसके लिए आपको अपनी मिटटी को मेन्टेन करने की ज़रूरत होती है और पौधे की ज़रूरत को समझते हुए आप उसकी खेती कर सकते है।

Q2- ड्रैगन फ्रूट के लिए मिटटी का ph. कितना होना चाहिए ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट 4.5 से लेकर 7.5 ph. तक उगाया जा सकता है लेकिन उसके लिए बेस्ट ph. 6.5 माना जाता है जो की slightly एसिडिक होता है।

Q3- ड्रैगन फ्रूट को कितना पानी चाहिए ?
Ans-ड्रैगन फ्रूट ट्रॉपिकल कैक्टस में गिना जाता है जिसके लिए पानी काम लगता है बाकि बागबानी के comparison में।

Q4- ड्रैगन फ्रूट पहाड़ो में उगाया जा सकता है ?
Ans- हाँ ड्रैगन फ्रूट पहाड़ो में उगाया जा सकता है यह सिर्फ आपके मैनेजमेंट पर निर्भर करता है, जिन इलाको में बर्फ पड़ती है उन्हें छोड़ कर आप ड्रैगन फ्रूट कही भी लगा सकते है उत्तर भारत के जम्मू उत्तराखंड जैसे इलाको में भी इसकी खेती की जा रही है यहाँ तक की मेरा खुद का फार्म हिमाचल प्रदेश में है।

Q5- ड्रैगन फ्रूट कितने तापमान में लगाया जा सकता है ?
Ans- अगर आप यह जानते है की dragon fruit की खेती कैसे कैसे करे तो आप इसे किसी भी तापमान में लगा सकते है वैसे ड्रैगन फ्रूट के लिए सूटेबल तापमान 9’C से लेकर 35’C तक है बाकि आपकी मेन्टेन्स पर निर्भर करता है, हमारे यहाँ उत्तर भारत में तापमान 2’C से लेकर 47’C तक जाता है और यहाँ भी ड्रैगन फ्रूट की कमर्शियल खेती की जा रही है।

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