परिचय
ड्रैगन फ्रूट जिसे देश दुनिया में कई नामो से जाना जाता है जैसे की “pitaya ” और भारत में इसे ” कमलम ” नाम दिया गया है, इससे इसकी ड्रैगन फ्रूट अपने looks के अलावा अपने गुणों की वजह से इतना Popular है। इसकी लोकप्रियता को देख दुनियाभर के कई देश Dragon Fruit Cultivation in India कर रहे है. Vietnam दुनिया में सबसे बड़ा dragon fruit producer है।
उसके साथ साथ Asia के कई देश जैसे Malaysia, Philippines और Taiwan, Israel, Thailand, Mexico, Colombia, Australia दुनिया में सबसे बड़े dragon fruit producer और Exporter है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता से भारत में भी इसकी commercial खेती बढ़ती जा रही है। आज हम बात करेंगे की dragon fruit cultivation in India-Setup cost in 2025 क्या और कितनी हो सकती है।
Dragon Fruit ki Kheti kyu Kare?
भारत में सालो से पारम्परिक खेती और बागबानी की जा रही है, ऐसा क्या खास है ड्रैगन फ्रूट में की छोटे और माध्यम वर्ग के किसान इसकी खेती की तरफ रुख करने का सोच रहे है , वैसे तो ड्रैगन फ्रूट मध्य अमेरिका से है लेकिन दुनिया भर में इसकी लोकप्रियता बढ़ने और इसके गुणों के कारण Dragon Fruit Cultivation in India की जा रही है। इसे अभी भारत में आये ज़ादा समय नहीं हुआ है पिछले 5 – 6 सालो में हे इसकी भारतीय बाजार में इसकी खूब डिमांड बढ़ गयी है जिसकी वजह किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ
Dragon Fruit Cultivation in India सफलतापूर्वक करने के लिए हमे इसके हिसाब से सही जलवायु, मिट्टी और सिंचाई की जरूरतों को समझना बहुत जरूरी है।
जलवायु
ड्रैगन फ्रूट tropical and subtropical जलवायु में अच्छा विकसित होता है। इसे गर्म और शुष्क मौसम पसंद है। हलाकि हम इसके लिए मिटटी और वातावरण कुछ हद तक तैयार कर सकते है।
- तापमान: 20°C से 35°C के बीच का तापमान इसके लिए आदर्श है। लेकिन भारत में उत्तरी भाग में इसकी खेती बेहद ठन्डे और गर्म इलाको में की जा रही है उसके लिए हमे पौधे की ज़रूरत को समझना पड़ेगा।
- सूरज की रोशनी: ड्रैगन फ्रूट एक sensitive पौधा होता है जिसे धुप चाहिए लेकिन ज़ादा धुप में यह stress में आ जाता है इसलिए इसका खास ध्यान रखना ज़रूरी है।
- बारिश: ज्यादा बारिश या लंबे समय तक नमी Fungus और अन्य रोगों को जन्म दे सकती है, इसलिए अपने field में स्लोप ज़रूर दे।
- ठंड:10°C से नीचे का तापमान इसे नुकसान पहुंचा सकता है।
आदर्श मिट्टी
dragon fruit cultivation विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में उग सकता है, लेकिन यह ऐसी मिटटी में बेहतर परिणाम देता है जहा पानी जमा या खड़ा नहीं होता।
- मिटटी का प्रकार: हल्की रेतीली दोमट मिट्टी इसकी खेती में सबसे अच्छी मानी जाती है।
- मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
- मिट्टी की तैयारी: आपकी मिटटी में रेत और बाकि ज़रूरी चीज़े दाल के अनुकूल बनाया जा सकता है।
- खेत को खरपतवार और दीमक कीट इत्यादि से मुक्त रखें।
- जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करके मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाएँ।
Note: dragon fruit ki kheti में सबसे पहले अपनी मिटटी की लैब में जाँच करवा ले उसी हिसाब से आगे बढे.
पानी और सिंचाई की आवश्यकता
dragon fruit cultivation में अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन अपने वातावरण और पौधों की ज़रूरत के हिसाब से हर मौसम में एक schedule बना ले।
- गर्मियों से ज़ादा इन पौधों को सर्दियों में पानी की ज़रूरत पढ़ती है।
- खेत में पानी का जमाव न होने दें, क्योंकि इससे जड़ सड़ने की समस्या हो सकती है।
- ड्रिप सिंचाई सबसे उपयुक्त है, क्योंकि यह पौधों को आवश्यकतानुसार पानी प्रदान करता है और पानी waste नहीं होता।
Setup cost-dragon fruit cultivation in India
dragon fruit cultivation करने के लिए हमे पौधे को सहारा देने के लिए structure बनाना पढता है। यह structure 2 प्रकार के होते है “Ring and pole method” and “Trellis method” चलिए इन दोनों के Setup cost की बात करते है।
Traditional Ring and Pole method
इस method में सीमेंट के खंभे के ऊपर लोहे या कंक्रीट की रिंग लगाई जाती है, जिसपर पौधे ऊपर आके ग्रो करते है ।
सामग्री और लागत:
- poles:
- सीमेंट के poles: प्रति पोल 300 -400 रुपये।
- प्रति एकड़ 400-500 पोल लगा सकते है
- कुल लागत: 1,20000 से 1,50,000 रुपये।
- रिंग:
- लोहे या सीमेंट की: प्रति रिंग 150 -250 रुपये।
- कुल लागत: 75,000 से 125,000 रुपये।
Labour cost:
- श्रम लागत: 15000 से 35000 रुपये।
Structure cost (प्रति एकड़) | 210000 से 320000 रुपये। |
Number of Plants | 1600 से 1800 |
Plant price | Rs 50 – Rs 250 |
Drip irrigation system | Rs 30,000 – Rs 50000 |
Total (प्रति एकड़) | Rs 320000 – Rs 500000 |
Trellis Structure
इस मेथड में structure थोड़ा अलग बनाया जाता है ताकि पौधे ज़ादा लगाए जा सके।
पोल :
सीमेंट के poles: प्रति पोल 300 -400 रुपये।
प्रति एकड़ 400-500 पोल लगा सकते है
कुल लागत: 1,20000 से 1,50,000 रुपये।
Upper structure
dragon fruit cultivation में पौधों के सहारे के लिए एक बेस बनाया जाता है और लम्बे समय तक बनाये रखने के लिए इससे GI pipes से बनाया जाता है जिसकी कीमत ज़ादा होती है प्रति एकड़ अगर हिसाब लगाए तो लगभग 8 से 10 लाख तक खर्चा आ जाता है लेकिन यहाँ इस तकनीक का इस्तेमाल करके हम प्रति एकड़ 4000 से 8000 पौधे लगा सकते है लेकिन प्रति एकड़ लगत भी उतनी ही ज्यादा है।
इस तकनीक से किसम कम जगह में ज्यादा पौधे लगा कर ज़ादा मुनाफा कमा रहे है।
trellis में औसतन 8 लाख से 12 लाख खर्चा भी आ सकता है।
वैसे तो GI pipes के कई विकलप आ गए है जैसे pet wire, GI wires जिनकी प्रति एकड़ लागत आती है Rs 25000 से Rs 30000
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FAQ:
Q1- dragon fruit cultivation किसी भी मिटटी में की जा सकती है ?
Ans- हाँ ड्रैगन फ्रूट के लिए आप अपनी मिटटी को उपयुक्त बना सकते है उसके लिए मिटटी की लैब में जाँच करवाए और उसी हिसाब से मिटटी को अनुकूल बनाये।
Q2- ड्रैगन फ्रूट की खेती में ट्रेलिस या ट्रेडिशनल किस विधि का इस्तेमाल करना चाहिए ?
Ans- कमर्शियल में फ्यूचर टेलिस ही है , लेकिन नए किसान को ट्रेडिशनल खेती करना में आसानी होती है।
Q3- ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए ड्रिप इरीगेशन ज़रूरी है ?
Ans- ऐसा नहीं है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल किसान के काम को आसान और पानी की बचत के लिए किया जाता है आप चाहे तो किसी भी प्रकार से सिंचाई का इंतेज़ाम कर सकते है।
Q4- क्या ड्रैगन फ्रूट स्ट्रक्चर के लिए सरकार सब्सडी दे रही है ?
Ans- भारत सर्किट ने ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए हरियाणा में कुछ प्लान्स बनाये है और ऐसी उम्मीद है की आने वाले सालो में इसकी बढ़ती खेती के बाद सरकार सब्सिडी देना शरू कर सकती है।
Good information 👍
thank you…stay connected.
Why did you choose dragon fruit for farming??
I chose dragon fruit farming because it is a unique and highly nutritious fruit with growing demand in the market. The plant is quite challenging, and it offers good profitability and long-term yields.