Growing dragon fruit, Blackberries Together in Himachal

हिमाचल प्रदेश में कई तरह की बागबानी की जाती है। यहां की मिट्टी और मौसम कई प्रकार की फसलों की खेती के लिए उपयुक्त हैं। पारंपरिक फसलों के साथ अब किसानों का रुझान नई और लाभकारी फसलों की ओर बढ़ रहा है इसलिए हमने हिमाचल में Dragon Fruit और Blackberry fruit Himachal जैसी नयी बागबानी को साथ में चुना है। इन दोनों फसलों को एक साथ लगाना न केवल जमीन के उपयोग को अधिकतम करता है, बल्कि किसानों को उच्च गुणवत्ता और बेहतर आय के अवसर भी प्रदान करता है। चलिए इसके बारे में विस्तार ऐसे चर्चा करे।

Dragon Fruit और ब्लैकबेरी को एक साथ लगाने के लाभ

blackberry fruit Himachal

जमीन का अधिकतम उपयोग
Dragon Fruit और ब्लैकबेरी को एक साथ लगाने से जमीन का बेहतर उपयोग होता है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में पौधों के लिए bed बनाये जाते है जिनके बीच 10 से 12 फीट की दूरी रखी जाती है। बीच में आप चाहे तो अधिक जगह रख कर इस दूरी को खाली छोड़ने के बजाय ब्लैकबेरी के पौधों को वहां लगाया जा सकता है। ब्लैकबेरी के पौधे छोटे और कॉम्पैक्ट होते हैं, जिससे वे ड्रैगन फ्रूट की वृद्धि में बाधा नहीं डालते। इसके अलावा, दोनों फसलें अलग-अलग ऊंचाई और विस्तार की होती हैं, जिससे पोषण के लिए रूट्स को fight कम होती है।

इस तकनीक से न केवल भूमि का बेहतर उपयोग होता है बल्कि किसान के मुनाफे में भी वृद्धि होती है। किसानों को एक ही जमीन पर दो अलग-अलग फसलों से फायदा होता है। यह तरीका उन किसानों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जिनके पास सीमित भूमि है और जो अपने उत्पादकता को अधिकतम करना चाहते हैं।

अधिक उत्पादन
Dragon Fruit और blackberry fruit Himachal को साथ लगाने का एक और फायदा यह है की आप साल भर अलग अलग फलो का उत्पादन ले सकते है जिससे छोटे किसानो को खास तौर से फायदा मिलता है। ड्रैगन फ्रूट जुलाई से लेकर अक्टूबर तक फल देता है और ब्लैकबेरी जनवरी से मार्च तक ऐसे में अलग अलग समय पर फलो के आने से साल काम बढ़ता नहीं है और दुगुना उत्पादन लिया जा सकता है।

low मैंटेनस
ड्रैगन फ्रूट की क खेती अपने आप में सेंसिटिव होती है ऐसे में अगर ऐसी किसी चीज़ को intercropping के तौर पर लगाया जाये जिससे काम बढ़ जाये तो दोनों फलो के उत्पादन में गिरावट हो सकती है। ब्लैकबेरी में एक बार मिटटी का ph अनुकूल रख कर निश्चिन्त हो सकते है उसके बाद जैसे ड्रैगन फ्रूट में जो भी खाद और स्प्रे डालना है वही ब्लैकबेरी में डाला जा सकता है।

trellis
ड्रैगन फ्रूट को commercial खेती आजकल ट्रेलिस मेथड से की जा रही है। इसी तरह ब्लैकबेरी के लिए भी छोटा ट्रेलिस बनाना पढता है और आप दोनों पौधों को नियंत्रित कर सकते है ताकि अपने structure से बाहर पौधे न जा सके और इंटरक्रॉप में यह सबसे अच्छी बात है।

कम पानी की ज़रूरत
Dragon Fruit और ब्लैकबेरी दोनों को ही कम पानी में लगाया जा सकता है। जब हम घास से ब्लैकबेरी की मल्चिंग करते है ऐसे में पानी की ज़रूरत कम हो जाती है।

हिमाचल के लिए अनुकूल
Dragon Fruit हिमाचल में स्तिथ हमारे इलाके के लिए एकदम अनुकूल है और अच्छे से बढ़ रहे है उसी तरह हिमाचल के लिए ब्लैकबेर्रिज अनुकूल रहती है जिसे कम गर्मी और ठंडा इलाका पसदं है। इसलिए इन दोनों को साथ में लगाना एक अच्छा ऑप्शन है।

बाजार में अच्छा रेट

Dragon Fruit और blackberry fruit Himachal दोनों ही बाजार में महंगे और प्रीमियम फलों की श्रेणी में आते हैं। इनकी खेती करने वाले किसानों को अन्य पारंपरिक फसलों की तुलना में बेहतर आय प्राप्त होती है। ड्रैगन फ्रूट का बाजार मूल्य प्रति किलोग्राम ₹150 से ₹300 तक होता है, जबकि ब्लैकबेरी का दाम 500 से ₹2000 प्रति किलोग्राम तक जा सकता है। इनकी उच्च कीमत का कारण इन फलों की पोषण से भरपूर विशेषताएं और बढ़ती उपभोक्ता मांग है।

ड्रैगन फ्रूट अपने एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और विटामिन से भरपूर गुणों के कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं में लोकप्रिय है। वहीं, ब्लैकबेरी में मौजूद विटामिन C, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स इसे बाजार में एक महंगा और आकर्षक फल बनाते हैं। इनकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बढ़ रही है, जिससे किसानों को इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है।

दोनों फसलों को एक साथ लगाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसान एक ही जमीन से अधिकतम आय अर्जित कर सकते हैं। इन फलों की उच्च कीमत और बाजार में स्थिर मांग किसानों को बेहतर लाभप्रदता सुनिश्चित करती है। इस संयोजन से खेती का एक नया और लाभकारी मॉडल तैयार होता है।

ड्रैगन फ्रूट के साथ इन्टरक्रोप्पिंग की सावधानिया

blackberry fruit Himachal

ड्रैगन फ्रूट अपनी मुख्य choice है इसलिए इसके लिए हमेशा priority रखे ताकि इसे नुकसान न हो अन्यथा मुनाफे के बजाये नुकसान उठाना पढ़ सकता है।

2nd फसल का चयन सोच समझ कर करे
ड्रैगन फ्रूट की खेती में आप इंटरक्रॉपिंग करके मुनाफे को बढ़ा तो सकते है लेकिन हमे कुछ सावधानिया रखनी पड़ेगी जैसे , हमने किसका चयन किया है हमे ऐसे पौधों को select करना है जो आगे जाकर विषर वृक्ष या झाड़ न बन जाये जिसे हम बाद में काबू न कर पाए। हमे इस बात का ख्याल रखना है की बड़े फलो के पेड़ बाद में विशाल हो जाते है औरउनकी जड़े दूर तक चली जाती है जिससे ड्रैगन फ्रूट को competition मिल सकता है और growth में असर देखना को मिल सकता है इसलिए पूरी जानकारी लेकर ही कदम उठाये।

ऐसी वैरायटी न select करे जिसे ज़ादा पानी देना पड़े।
Dragon plant को काम पानी यानि सिर्फ नमी की आवश्यकता होती है और हफ्ते में एक बार पानी देने से ड्रैगन फ्रूट के पौधे अच्छे से पनपते है। ड्रैगन फ्रूट को ज़ादा पानी पसंद नहीं इसलिए अगर आप हफ्ते में कई बार पानी देंगे तो ड्रैगन फ्रूट के लिए विपरीत हालत बन सकते है। ड्रैगन फ्रूट की जड़े ज़ादा पानी में ख़राब होने लगती है या अत्यधिक नमी से फंगस के लिए अनुकूल माहौल बनसकता है जो की ड्रैगन फ्रूट के लिए अच्छा नहीं है।

ऐसी किसी बागबानी का इस्तेमाल न करे जिसमे पेस्ट या बीमारिया ज़ादा होती हो क्युकी कीट और बीमारिया साथ में लगे पौधों को असर करेगी।

Conclusion:

Dragon plant की खेती अपने आप में बेहद अच्छी है और अगर आप ज़मीं का पूरा उपयोग लेने के लिए इन्टरक्रोप्पिंग करके मुनाफा बढ़ने के बारे में सोचते है तो कुछ सावधानिया रख कर हमारी तरह blackberry की खेती कर सकते है और जैसे हमने हिमाचल प्रदेश जैसे इलाको को ध्यान में रख के इसका चुनाव किया ठीक उसी तरह आप भी अपने इलाके और मिटटी को देख कर ऐसा कर सकते है।

FAQ:

Q1- ड्रैगन फ्रूट की खेती कितने साल की होती है ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट की खेती 20 से 30 साल तक हो सकती है जो की अपने आप में काफी लम्बी मानी जाती है।

Q2- ब्लैकबेरी की खेती कितने समय की होती है ?
Ans- इसकी खेती variety के हिसाब से कम से कम 15 और ज़ादा से ज़ादा 40 साल तक फल दे सकते है।

Q3- ड्रैगन फ्रूट के साथ क्या क्या लगाया जा सकता है ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट के साथ सब्ज़िया लगा सकते है जो सीजनल होती है या पेड़ नुमा पौधे जो ज़ादा बड़े न हो।

Q4- ड्रैगन फ्रूट की खेती हिमाचल में किसी भी जगह हो सकती है ?
Ans- नहीं। हिमाचल में निचले गर्म इलाको में ही ड्रैगन फ्रूट की खेती अच्छे से संभव है क्युकी अत्यधिक ठण्ड में यह पौधे स्ट्रेस में आ जाते है।

अगर आपका कोई भी सुझाव या प्र्शन्न है तो हमे कमेंट करके बताये।

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