ड्रैगन फ्रूट की खेती एक ऐसी बागबानी है जिसमे पहले कुछ साल किसान को यही समझने में निकल जाते है की हर मौसम में ड्रैगन फ्रूट की देखभाल कैसे की जाए खास तौर पर सर्दियों में वो भी हिमाचल प्रदेश जैसे इलाके जहाँ ठण्ड किसी भी समय कम और ज़ादा होती है। चलिए हम आपको अपने अनुभव से बताते है की हिमाचल जैसी जगहों में सर्दियों में pink dragon fruit में फंगस को कैसे control किया जाता है।
हिमाचल में सर्दियों में फंगस के कारण
Transition Stress
Pink dragon fruit के पौधे सर्दियों में फंगस की समस्या का शिकार हो जाते हैं। जैसे-जैसे मौसम गर्मी से ठंड की ओर बदलता है, यह बदलाव पौधों के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इस समय पौधे तनाव में आ जाते हैं, जिसे स्ट्रेस भी कहा जाता है। इस स्ट्रेस की वजह से पौधों की रोगों से लड़ने की ताकत कमजोर हो जाती है।
जब पौधा कमजोर हो जाता है, तो फंगस या अन्य बीमारियां उसे जल्दी प्रभावित कर सकती हैं। स्ट्रेस का असर पौधे की पत्तियों और फूलों पर साफ नजर आता है। इससे पौधों का विकास रुक जाता है और उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही, इस स्थिति में पौधों को सही पोषण नहीं मिल पाता, जिससे उनकी हालत और बिगड़ जाती है।
सर्दियों में फंगस का मुख्य कारणों में से एक यही मौसम परिवर्तन का तनाव होता है। अगर पौधों की सही देखभाल न की जाए, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है। इसलिए, सर्दियों में पौधों की नियमित निगरानी और अच्छी देखभाल बहुत जरूरी है, ताकि उन्हें इस तनाव से बचाया जा सके और फंगस जैसी समस्याओं से दूर रखा जा सके।
ठण्ड में होने वाली बारिश
हिमाचल प्रदेश में ठंड के मौसम में बारिश आम बात है, और यह pink dragon fruit की खेती के लिए कई तरह की समस्याएं ला सकती है। खासतौर पर जब तापमान 2-3 डिग्री तक गिर जाता है और बारिश होती है, तो ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर इसका बुरा असर पड़ता है। इस स्थिति में फंगस पनपने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
फंगस पौधों की जड़ों और पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनकी सेहत खराब हो जाती है और उनका विकास रुक जाता है। बारिश के बाद जब वातावरण में नमी बढ़ जाती है, तो फंगस तेजी से फैलने लगता है। यह स्थिति पौधों को कमजोर बनाती है और इस समय फंगस तेज़ी से फैलने का खतरा होता है
नुट्रिशन की कमी रहना
ठण्ड से पहले बारिश का मौसम होता है और इस समय किसानों को खास ध्यान रखना चाहिए कि खेत की मिट्टी में उगने वाली घास को समय पर हटाया जाए। अगर घास को हटाने के उपाय नहीं किए गए, तो मिट्टी में डाली गई सारी खाद घास सोख लेती है, और pink dragon fruit को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। इससे पौधे कमजोर हो जाते हैं।
कमजोर पौधे फंगस और अन्य बीमारियों के आसान शिकार बन जाते हैं। खासकर नए किसानों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए। ठंड से पहले पौधों को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उनकी सही देखभाल करें और उनकी वृद्धि पर ध्यान दें, ताकि वे स्वस्थ रह सकें।
अगर पौधे मजबूत और स्वस्थ नहीं होंगे, तो ठंड और फंगस का असर जल्दी होगा, जिससे फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए, किसानों को चाहिए कि वे घास से खेत को साफ रखें और मिट्टी की पोषण क्षमता को बनाए रखें। पौधों की सही देखभाल और प्रबंधन से उनकी वृद्धि बेहतर होगी, और वे ठंड का सामना कर पाएंगे। nutrition की कमी से बचने के लिए समय पर कदम उठाना जरूरी है।
बाहर से आने वाले लोगो का आना जाना
सर्दियों के दौरान अपने pink dragon fruit फार्म की सुरक्षा पर खास ध्यान देना बहुत जरूरी है। इस मौसम में अक्सर लोग ऊनी कपड़े पहनकर घूमने आते हैं और अनजाने में फार्म में कदम रख सकते हैं। उनके जूतों के साथ फंगस फार्म में आ सकता है, जो पौधों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।
ऐसे में बेहतर यही है कि सर्दियों के दौरान बाहरी लोगों को फार्म में आने से रोका जाए। इससे पौधों को फंगस से बचाया जा सकता है और फलों की गुणवत्ता भी बनी रहती है।
साफ-सफाई का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। नियमित रूप से खेत की सफाई और dragon fruit ka photo se देखभाल करने से ड्रैगन फ्रूट की खेती में काफी मदद मिलती है। छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर हम अपने फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और बेहतर उत्पादन सुनिश्चित कर सकते हैं।
Pink dragon fruit में फंगस के लक्षण
White spots
Pink dragon fruit के पौधों में फंगस के लक्षण नजर आने पर इसे तुरंत पहचानना और इलाज करना बहुत जरूरी है। बारिश के मौसम या सर्दियों की शुरुआत में, अगर पौधों की पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखाई दें, तो यह फंगस का संकेत हो सकता है। ये धब्बे अक्सर पत्तियों के अंदर तक मौजूद रहते हैं और धीरे-धीरे पूरे पौधे में फैल सकते हैं।
अगर इस फंगस का समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह तेजी से फैलकर पत्तियों पर अपनी कॉलोनी बना लेता है। इससे पौधा कमजोर होने लगता है और उसकी वृद्धि रुक जाती है। समय पर ध्यान न देने पर पौधा पूरी तरह से खराब हो सकता है, और फिर उसे बचाना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए, pink dragon fruit के पौधों में सफेद धब्बे दिखाई देने पर इसे हल्के में न लें। यह फसल को नुकसान पहुंचाने का शुरुआती संकेत है, और सही समय पर इलाज से इसे रोका जा सकता है। पौधों की नियमित निगरानी और सावधानी बरतना फसल की सेहत के लिए बहुत जरूरी है।
Brown rust
ड्रैगन फ्रूट के पौधों में एक समस्या होती है, जिसे कांटेक्ट फंगस कहा जाता है। इस फंगस के कारण पौधों की पत्तियों पर भूरे रंग के दाग या रोस्टी पैच दिखाई देने लगते हैं। अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो यह समस्या धीरे-धीरे पूरे पौधे में फैल सकती है।
शुरुआत में यह फंगस सिर्फ कुछ पत्तियों को प्रभावित करता है, लेकिन बाद में यह pink dragon fruit के तने और जड़ों तक पहुंच जाता है। इससे पौधा कमजोर हो जाता है और उसकी वृद्धि रुक जाती है।
इस समस्या को नजरअंदाज करना फसल के लिए गंभीर नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, कांटेक्ट फंगस के लक्षण दिखते ही सही उपाय करना बहुत जरूरी है, ताकि पौधों को समय पर बचाया जा सके।
पत्तों का पीला पड़ना
ड्रैगन फ्रूट के पौधों में पत्तों का पीला पड़ना एक बड़ी समस्या है, जो उनकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। जब फंगस पौधे के अंदर प्रवेश करता है, तो इसकी वजह से पत्ते धीरे-धीरे पीले होने लगते हैं। इस स्थिति में पौधा कमजोर हो जाता है और स्ट्रेस में आ जाता है, जिससे उसकी वृद्धि रुक जाती है।
अगर इस समस्या का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह समस्या सिर्फ पत्तों तक सीमित नहीं रहती। फंगस pink dragon fruit की जड़ों और दूसरे हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
इसलिए, जैसे ही पत्तों के पीले पड़ने के लक्षण दिखें, तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है। पौधों की नियमित निगरानी और सही उपचार से इस समस्या को रोका जा सकता है।
Fungus Treatment Schedule
Doses of Fungicides:
Lagaam : 2 to 3 ml per liter of water
copper oxychloride: 2 gram per liter
Nativo: 0.5 to 1 gram per liter
or
spectrum fungicide: 1 gram per liter
Saaf and M45: 2 gram per liter
इस schedule को हर 15 दिन में winters में फॉलो करे और बारिश पढ़ने पर पानी के सुख जाने के बाद एक स्प्रे और करे।
Note: overdose न करे उससे प्लांट्स स्ट्रेस में आ सकते है।
Conclusion:
pink dragon fruit की खेती में फंगस ही एक मुख्या समाया है जो अलग अलग मौसम में प्रभाव दिखता है इसलिए नए किसान इसे समझ नहीं पाते। बिना फंगस की जानकारी के fungucide का स्पे करने से कोई फर्क नहीं पड़ता है इसलिए जानकारी ले और जैसे आपके पौधे की कंडीशन है उसी हिसाब से उसे ट्रीटमेंट दे। जैसे कांटेक्ट फंगस के लिए कांटेक्ट fungicide और systematic फंगस के लिए systematic fungucide का इस्तेमाल किया जाता है। winters में पौधे की अच्छे से देखभाल से ही अगले साल पौधा अच्छे से fruiting दे पता है।
FAQ
Q1- ड्रैगन फ्रूट की खेती में फंगस कब आ सकता है ?
Ans- ड्रैगन फ्रूट की खेती में फंगस कभी भी अपना असर दिखा सकता है जैसे ही उसे अटैक करने के लिए उपयुक्त माहौल मिलता है आम तौर पर ऐसा पौधे के कमज़ोर पढ़ने या बारिश ठण्ड और स्ट्रेस में हो सकता है।
Q2- ड्रैगन फ्रूट में धब्बे क्या होते है ?
Ans- छोटे brown धब्बे इन्हे रस्ट कहते है जो कांटेक्ट फंगस से आता है इसके लिए कांटेक्ट fungicide का इस्तेमाल करे जैसे Saaf, M-45 contact fungicide
Q3- pink dragon fruit के पौधों में कुछ अंदर निशान दिखाई दे रहे है उसे क्या कहते है ?
Ans- फंगस जब पौधे के अंदर चला जाता है फिर वह अंदर से पौधे को नष्ट करना शुरू कर देता है यह निशान उसी के शुरुवाती दौर में आते है धीरे धीरे यह फंगस अंदर से पौधे को ख़राब कर देता है इसलिए जब भी आपको कोई निशान दिखाई पढ़े तो systematic fungucide का इस्तेमाल करे जैसे copper oxychloride
Q4- क्या जैविक उपचार प्रभावी हैं?
Ans- हां, नीम तेल और ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक उपचार शुरुआती चरणों में काफी प्रभावी होते हैं। इसके बाद लगाम नाम से fungicide का इस्तेमाल किया जा सकता है यह आर्गेनिक है।
अगर आपका कोई भी प्रशन्न या सुझाव हो तो हमे कमेंट करके बताये।
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